Kaalsarp Dosh / कालसर्प दोष
Signs of Kaalsarp dosh:
1. Complete work of hard work is not obtained.
2. Occurrence of business repeatedly.
3. Cheating with Yourself.
4. Unclean to be tarnished.
5. No child or child’s advancement.
6. No marriage or marital life is lost.
7. Deteriorating health.
8. Frequent injury and accidents.
9. The achievement of the well done work is to meet others.
10. Fearful dreams come again and again; Nag-Nagin is seen again and again.
कालसर्प दोष के लक्षण :
1. मेहनत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता।
2. व्यवसाय में हानि बार-बार होना।
3. अपनों से ठगा जाना।
4. अकारण कलंकित होना।
5. संतान नहीं होना या संतान की उन्नति नहीं होना।
6. विवाह नहीं होना या वैवाहिक जीवन अस्त-व्यस्त होना।
7. स्वास्थ्य खराब होना।
8. बार-बार चोट-दुर्घटनाएं होना।
9. अच्छे किए गए कार्य का यश दूसरों को मिलना।
10. भयावह स्वप्न बार-बार आना, नाग-नागिन बार-बार दिखना।
Solution for kaalsarp dosh
1. Make a pair of Nag-Nagin worshiping and making silver in water.
2. Make a similar pair of coconut and wrap it with Moli and flutter it in water.
3. Separate snakes and add money and make them free in the jungle.
4. Offer a saga in a Shiva temple where Shiva is not a snake;
5. Offer 7 Molly made of sandalwood every Wednesday or Saturday at Shiva temple.
6. Offer perfume of sandalwood and sandalwood to Shiva and always find it yourself.
7. Nagespanchami should be cleaned, repaired and painted.
8. Chanting or making chants of the following mantras.
(A) “Nagendra Harai Namah: Moreover”
(B) Nagpantai Namah: The Nagpanchami Mantra of ‘Nagkulay Vidyamye Deshantaya Dhamahi Tannau sarp prachodya.'(9) To give Shiva a victory, extraction floral, blossomed flowers, fruits and to make rudrubhishek from milk.
(10) Shed your weight equal to coal in water.
कालसर्प दोष के उपाय
1. नाग-नागिन का जोड़ा चांदी का बनवाकर पूजन कर जल में बहाएं।
2. नारियल पर ऐसा ही जोड़ा बनाकर मौली से लपेटकर जल में बहाएं।
3. सपेरे से नाग या जोड़ा पैसे देकर जंगल में स्वतंत्र करें।
4. किसी ऐसे शिव मंदिर में, जहां शिवजी पर नाग नहीं हों, वहां प्रतिष्ठा करवाकर नाग चढ़ाएं।
5. चंदन की लकड़ी के बने 7 मौली प्रत्येक बुधवार या शनिवार शिव मंदिर में चढ़ाएं।
6. शिवजी को चंदन तथा चंदन का इत्र चढ़ाएं तथा नित्य स्वयं लगाएं।
7. नागपंचमी को शिव मंदिर की सफाई, मरम्मत तथा पुताई करवाएं।
8. निम्न मंत्रों के जप-हवन करें या करवाएं।
(अ) ‘नागेन्द्र हाराय ॐ नम: शिवाय’
(ब) ‘ॐ नागदेवतायै नम:’ या नागपंचमी मंत्र ‘ॐ नागकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नौ सर्प प्रचोद्यात्।’
(9) शिवजी को विजया, अर्क पुष्प, धतूर पुष्प, फल चढ़ाएं तथा दूध से रुद्राभिषेक करवाएं।
(10) अपने वजन के बराबर कोयले पानी में बहाएं।
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