दुर्गा सप्तशती पाठ / Durgaa Saptshati Path
When the sin on this earth becomes unbearable, then any great power in the form of the incarnation of Goddess Deity destroys that sin by taking an incarnation on this earth. Durga Saptasati, the super-powerful and well-known poet, knows how the mother Durga was born and how she repeatedly finished the sin of the demons on earth. In the Durga Saptashati Path, the glory of Mother Jagadambe has been described in an unimaginable manner.
जब जब इस धरती पर पाप असहनीय हो जाता है तब तब देवी देवता के अवतरण के रूप में कोई महा शक्ति इस धरती पर अवतार लेकर उस पाप का नाश करती है | महाशक्तिशाली और इच्चापुरक काव्य दुर्गा सप्तसती से जानते है की किस तरह माँ दुर्गा का जन्म हुआ और किस तरह उन्होंने बार बार पृथ्वी पर दैत्यों के पाप को ख़त्म किया | दुर्गा सप्तशती पाठ में माँ जगदम्बे की महिमा का अनुपम तरीके से वर्णित किया गया है |
Importance of Durga Saptashati Path
This religion, which is singing the glory of Mother Bhagwati, Sarita, has sung the great secret of attaining all the comforts inside her. Tantrik Sadhana, Gupta Sadhana tells mantra sadhana and other types of worship paths smoothly. The text of this poem is especially done in Navaratri and it is the result of the unmistakable results. Durga Saptashati is the chapter 13 in the lesson. The reader, the one who listens to the lesson, becomes the goddiver of grace. This is the paramount book for worship of Navdurga in Navaratri. It also contains information about incarnations taken by Durga.
दुर्गा सप्तशती पाठ का महत्व
माँ भगवती की महिमा का गान करने वाले यह धर्म सरिता अपने अन्दर सभी सुखो को पाने के महा गुप्त साधना समेटे हुए है | तांत्रिक साधना , गुप्त साधना मन्त्र साधना और अन्य प्रकार के आराधना के पथ कको सुचारू रूप से बताती है | इस काव्य का पाठ विशेष रूप से नवरात्रों में किया जाता है और अचूक फल देने वाला होता है | दूर्गा सप्तशती पाठ में १३ अध्याय है | पाठ करने वाला , पाठ सुनने वाला सभी देवी कृपा के पात्र बनते है | नवरात्रि में नव दुर्गा की पूजा के लिए यह सर्वोपरि किताब है | इसमे माँ दुर्गा के द्वारा लिए गये अवतारों की भी जानकारी प्राप्त होती है |
दूर्गा सप्तशती अध्याय 1 | मधु कैटभ वध |
दूर्गा सप्तशती अध्याय 2 | देवताओ के तेज से माँ दुर्गा का अवतरण और महिषासुर सेना का वध |
दूर्गा सप्तशती अध्याय 3 | महिषासुर और उसके सेनापति का वध |
दूर्गा सप्तशती अध्याय 4 | इन्द्राणी देवताओ के द्वारा माँ की स्तुति |
दूर्गा सप्तशती अध्याय 5 | देवताओ के द्वारा माँ की स्तुति और चन्द मुंड द्वारा शुम्भ के सामने देवी की सुन्दरता का वर्तांत |
दूर्गा सप्तशती अध्याय 6 | धूम्रलोचन वध |
दूर्गा सप्तशती अध्याय 7 | चण्ड मुण्ड वध |
दूर्गा सप्तशती अध्याय 8 | रक्तबीज वध |
दूर्गा सप्तशती अध्याय 9 -10 | निशुम्भ शुम्भ वध |
दूर्गा सप्तशती अध्याय 11 | देवताओ द्वारा देवी की स्तुति और देवी के द्वारा देवताओ को वरदान |
दूर्गा सप्तशती अध्याय 12 | देवी चरित्र के पाठ की महिमा और फल |
दूर्गा सप्तशती अध्याय 13 | सुरथ और वैश्यको देवी का वरदान |
You can contact us at any time and get a solution for your problems.
One Call can Change Your Life..
Love Problem Solution,
Love Marriage Solution,
Get Love Back Solution,
Husband Wife Problem Solution,
Business Problem Solution,
Love Dispute Problem Solution,
Divorce Problem Solution, Your All Problem Solution by Astrologer
100% Privacy & Satisfaction +91-7725952589
APPOINTMENT
You Can Consult us through any of the following ways:
Telephone
Timing for Call
For India (9am to 8pm)
For Outside (Anytime 24*7)
Personal Meeting
For Personal Visit
(By Prior Appointment Only)
Monday To Saturday
(11am to 2pm & 4pm to 8pm)
Video Conferencing
Timing for Call
For India (9am to 8pm)
For Outside (Anytime 24*7)